Bareilly News: उत्तराखंड में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने वाला बारहवीं फेल युवक विजय मैसी ठगी के नए-नए तरीके अपनाकर खुद को एक बड़ा अधिकारी साबित करने में जुटा था। थाना प्रेमनगर क्षेत्र में उसने एक फर्जी इंटेलिजेंस नेटवर्क का कार्यालय खोल रखा था और खुद को उसका निदेशक बताकर लोगों को ठग रहा था। पुलिस ने इस ठगी के जाल को तोड़ते हुए आरोपी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है।
फर्जी संगठन के जरिए चल रहा था ठगी का खेल
विजय मैसी ने अपने फर्जी संगठन “कोवर्ट इंटेलिजेंट नेटवर्क सोशल वेलफेयर एसोसिएशन” का कार्यालय प्रेमनगर में स्थापित किया था। वह आम नागरिकों को सदस्यता और आईकार्ड प्रदान करने के बदले मोटी रकम ऐंठता था। इन आईकार्डों का उपयोग टोल टैक्स से बचने और पुलिस चेकिंग से निकलने के लिए किया जाता था।
इसके अलावा, विजय मैसी सरकारी अधिकारियों तक पहुंच दिलाने का झांसा देकर लोगों से पैसे ठगता था। उसने फर्जी नियुक्ति पत्र और सरकारी विभागों के नाम पर आवेदन पत्र तैयार कर कई लोगों को सरकारी नौकरी दिलाने के झूठे सपने दिखाए।
पुलिस कलर की गाड़ी से जमाता था रौब
आरोपी विजय मैसी पुलिस कलर की गाड़ी का इस्तेमाल करता था, जिस पर “डायरेक्टर” लिखा था। इससे वह खुद को सरकारी अधिकारी बताकर लोगों पर रौब जमाने की कोशिश करता था। पुलिस को छापेमारी के दौरान उसके पास से बड़ी मात्रा में फर्जी दस्तावेज मिले, जिनमें नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के फर्जी नियुक्ति पत्र, विभिन्न जिलों के डीएम के फर्जी दस्तावेज और अन्य सरकारी विभागों से जुड़े कागजात शामिल थे।
कप्तान के निर्देशन में पुलिस ने किया खुलासा
बरेली के शहर कप्तान मानुष पारीक ने बताया कि पुलिस को विजय मैसी की ठगी के बारे में गोपनीय सूचना मिली थी। इसके आधार पर सीओ प्रथम पंकज श्रीवास्तव और प्रेमनगर थाना प्रभारी आशुतोष सोलंकी की टीम ने पटेलनगर क्षेत्र में छापा मारा। पुलिस को मौके से बड़ी मात्रा में फर्जी दस्तावेज और अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद हुई। विजय मैसी की गिरफ्तारी के बाद पुलिस इस पूरे नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है।

Author: Shivam Verma
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