Kanpur News: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की एक अनोखी बैठक कानपुर में चर्चा का विषय बन गई है। योगी सरकार के आठ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में होने वाले कार्यक्रमों की तैयारियों के लिए यह बैठक आयोजित की गई, लेकिन चौंकाने वाली बात यह रही कि यह बैठक किसी कार्यालय या सभागार में नहीं, बल्कि एक अस्पताल के वार्ड में हुई। सोशल मीडिया पर इस बैठक का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।
अस्पताल को ही बना दिया अस्थायी कार्यालय
दरअसल, कानपुर उत्तर जिले के नवनियुक्त भाजपा जिलाध्यक्ष अनिल दीक्षित के साथ हाल ही में एक हादसा हो गया। वह घर की सीढ़ियों से फिसल गए, जिससे उनकी जांघ की हड्डी में फैक्चर हो गया। गंभीर चोट के चलते उन्हें आर्यनगर स्थित एक अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका ऑपरेशन किया गया। डॉक्टरों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती रहने और बाद में बेड रेस्ट करने की सलाह दी।
इस बीच, योगी सरकार के आठ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में कानपुर में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की तैयारियों को लेकर बैठक जरूरी थी। चूंकि जिलाध्यक्ष अस्पताल में भर्ती थे, उन्होंने पार्टी के कार्यों को प्राथमिकता देते हुए अस्पताल के पेशेंट केयर वार्ड को अस्थायी कार्यालय बना दिया। उन्होंने अपने बेड के पीछे भाजपा का बैनर लगवाया और वहीं से बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक के दौरान एक दिलचस्प नजारा देखने को मिला। जिलाध्यक्ष अनिल दीक्षित अस्पताल के बेड पर बैठे थे, जबकि पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता तीमारदारों की कुर्सियों और आसपास के बेड पर बैठे हुए थे। लगभग आधे घंटे तक चली इस बैठक में 14 अप्रैल तक आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा तय की गई। इस अनोखी बैठक को लेकर काफी चर्चा हो रही है। कई लोग इसे पार्टी के प्रति अनिल दीक्षित की प्रतिबद्धता मान रहे हैं, तो कुछ लोग इसे राजनीति में अनुशासन और समर्पण का उदाहरण बता रहे हैं।
जिलाध्यक्ष का बयान
इस बैठक को लेकर जिलाध्यक्ष अनिल दीक्षित ने कहा, “मुझे दो दिन बाद अस्पताल से छुट्टी मिलेगी, लेकिन डॉक्टरों ने मुझे दस दिनों तक बेड रेस्ट की सलाह दी है। पूरी तरह ठीक होने में लगभग एक माह का समय लग सकता है। ऐसे में पार्टी का कामकाज बाधित नहीं होना चाहिए। इसलिए अस्पताल में ही बैठक आयोजित कर ली गई।”
बैठक का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और लोग इस अनूठी कार्यशैली पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग इसे समर्पण की मिसाल मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे राजनीति का नया रूप बता रहे हैं। जो भी हो, भाजपा की यह अस्पताल वाली बैठक कानपुर में लंबे समय तक याद रखी जाएगी।

Author: Shivam Verma
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